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Motivational Stories in Hindi

 Motivational Books in Hindi

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9 Motivational & success stories in hindi प्रेरक कहानी हिंदी short — HindiStory

  भरपेट खाना भी नहीं मिलता था, गरीबी ने भाई • की जान तक ले ली, फिर भी आईआईटी में पाया एडमिशन, बड़ी कंपनी में बना इंजीनियर- मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी success stories in hindi बिहार के गया जिले के छोटे से गांव डावर में रहने वाले ईश्वरी खेतों में मजदूरी कर अपना पेट भरते थे। शादी हो गई, चार बच्चे हुए, लेकिन माली हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। मजदूरी से एक शाम भी भरपेट भोजन मिलना उनके परिवार के लिए बड़ी बात थी। किसी साल सूखा पड़ जाए तो इसके लिए भी लाले पड़ जाते थे। तब ईश्वरी गांव से सब्जियां लेकर मीलों दूर गया पैदल आते। इसी से अपना और बच्चों का पेट भरते। अमित उनकी चार संतानों में सबसे बड़ा है। अमित की मां किरण देवी खुद साक्षर भी नहीं थीं, लेकिन शिक्षा का महत्व समझती थी अमित जब थोड़ा बड़ा हुआ तो उन्होंने बिना किसी से पूछे ही उसे बगल के सरकारी स्कूल भेजना शुरू कर दिया। उनके पास स्लेट खरीदने के भी पैसे नहीं थे। करीब एक साल तक स्लेट का टूटा हुआ टुकड़ा लेकर ही स्कूल गया था। उस टुकड़े पर ही वह दिनभर वर्णमाला लिखता रहता। जैसे-जैसे ऊंची कक्षा में पहुंचता गया, पढ़ाई में उसकी लगन बढ़ती गई। छोटे से घर...

सिंधुताई सपकाली RIP माई 💐💐💐

  सिंधुताई सपकाल  (14 नवंबर 1948 - 4 जनवरी 2022  [2]  ) एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता थीं, जिन्हें विशेष रूप से भारत में अनाथ बच्चों की परवरिश में उनके काम के लिए जाना जाता था।  उन्हें  2021 में सामाजिक कार्य श्रेणी में  पद्म श्री  से  सम्मानित  किया गया था  । सिंधुताई सपकाली जन्म 14 नवंबर 1948  [1] वर्धा  ,  मध्य प्रांत और बरार  ,  भारत डोमिनियन (वर्तमान में  महाराष्ट्र  , भारत) मृत्यु हो गई 4 जनवरी 2022  (उम्र 73) पुणे, महाराष्ट्र  , भारत दुसरे नाम माई (  लिट।  मां) के लिए जाना जाता है सामाजिक कार्य जीवनसाथी श्रीहरि सपकाली वयाच्या ७३ व्या वर्षी त्यांनी अखेरचा श्वास घेतला. गेल्यावर्षी सिंधूताईंना पद्मश्री पुरस्कार जाहीर झाला होता. पद्मश्री पुरस्कार जाहीर झाला त्यावेळी सिंधूताईंनी त्यांची प्रतिक्रिया व्यक्त केली होती. त्यावेळी त्यांच्या आयुष्यातील माईचा प्रपंच कसा सुरु झाला याची कहाणी सांगितली होती. सिंधूताईंनी सांगितलं की, 'पोटात असलेली भूक ही माझी प्रेरणा ...